Maryada Purushottam Meaning | मर्यादा पुरुषोत्तम का अर्थ

 ”रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाए।“

हमने बचपन से ही अपने माता पिता, शिक्षकों तथा पुस्तकों ऐसी मर्यादा पुरुषोत्तम राम के विषय में अनेक प्रेरणादायक कथाएं सुनी है। 

“मर्यादा पुरुषोत्तम” भगवान राम को कहा गया है, जो धार्मिकता को कायम रखने वाले आदर्श पुरुष के रूप में उनकी भूमिका को उजागर करती है। “मर्यादा” का अर्थ है सीमाएँ या नैतिक मूल्य, जबकि “पुरुषोत्तम” का अर्थ है पुरुषों में सर्वश्रेष्ठ।

Maryada Purushottam Meaning in Hindi

भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम क्यूँ कहा गया, या फिर मर्यादा पुरुषोत्तम का अर्थ क्या है इसकी चर्चा करेंगे हम| त्रेता युग में भगवान विष्णु के अवतार भगवान राम के वध के लिए इस धरती पर जन्म लिया। 

वाल्मीकि लिखते हैं कि सूर्य उदय होने पर भी लाल होता है और अस्त होने पर भी। इसी तरह महापुरुष सुख-दुख दोनों में ही एक समान रहते हैं। 

वे न तो सफलता से अति प्रसन्न होते हैं और न ही कठिनाई से निराश होते हैं। वन जाते समय श्रीराम अयोध्यावासियों से कहते हैं कि आप लोगों का मेरे प्रति जो प्रेम और आदर है, उससे मुझे तभी सुख मिलेगा, जब आप मेरे प्रति भी वैसा ही प्रेम और आदर दिखाएँगे, जैसा आप भरत के प्रति रखते हैं।

अपने माता पिता, भाइयों तथा पत्नी सीता माँ से लेकर प्रजा तक भगवान राम ने सबको समान प्रेम दिया तथा वो अपने वह अपने कर्तव्यों को निभाने से पीछे नहीं हटे| 

माँ केकेई के आदेश पर चौदह वर्ष के वनवास को संयम के साथ पूर्ण कर उन्होंने पिता दशरथ के वचन को निभाया। इसीलिए भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है।

भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम इसलिए कहा गया क्यूँकी उन्होंने मर्यादा का उल्लंघन न करते हुए माता पिता तथा गुरु की आज्ञा का हमेशा पालन किया। 

उनके राज्य में प्रजा सुखी तथा समृद्ध थी, जब केवट ने वनवास यात्रा के दौरान भगवान राम को नदी पार करने में मदद की थी, तो सेवा के इस छोटे से कार्य के बदले में, भगवान राम ने केवट को संसार सागर (जीवन और मृत्यु के चक्र) से पार कराने में मदद करने का वादा किया था। 

इसीलिए मैं संसार और वेदों में पुरुषोत्तम नाम से विख्यात हूँ। अहिल्या, केवट, शबरी, सुग्रीव तथा विभीषण ने भगवान की शरण में जाकर मोक्ष प्राप्त किया। 

Read Also – Hanuman Chalisa 21 Times Benefits

मर्यादा पुरुषोत्तम का अर्थ

जटायु ने आदि शक्ति की अवतार देवी सीता की रक्षा के लिए रावण से युद्ध किया तथा गंभीर रूप से घायल हो गये। अंत में जटायु ने भगवान श्री रामचंद्र का आशीर्वाद प्राप्त कर भगवान के धाम को प्राप्त किया। भगवान ने सदैव अपने भक्तों का आदर तथा सम्मान किया।

सर्वगुण संपन्न भगवान राम ने अतुल्य असामान्य होते हुए भी एक साधारण जीवन व्यतीत किया। 

न तो राजा बनने में कोई खुशी है और न ही वनवास में जाने में कोई दुःख है। भगवान राम, जो अपनी इच्छा मात्र से पूरे समुद्र को सुखा सकते थे, ने सभी के कल्याण को प्राथमिकता दी और विनम्रतापूर्वक समुद्र से मार्ग प्रदान करने का अनुरोध किया। 

Read Also – Best Meditation Centres in India

शबरी की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान राम ने उसे नवधा भक्ति की शिक्षा दी। कलियुग में हर व्यक्ति मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के आदर्शों पर चलकर सुखी और सफल जीवन प्राप्त कर सकता है।

मर्यादा पुरुषोत्तम का अर्थ
मर्यादा पुरुषोत्तम का अर्थ

Conclusion

मर्यादा पुरुषोत्तम के सिद्धांतों को अपनाकर, हम करुणा, ईमानदारी और विनम्रता जैसे मूल्यों को बढ़ावा देते हुए बेहतर व्यक्ति बनने का प्रयास कर सकते हैं। 

Read Also – Amul Cheese Cube Nutrition

भगवान राम की विरासत हमें उद्देश्य और सद्गुण से भरा जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है। वह हमें याद दिलाते हैं कि सच्ची महानता नैतिक मूल्यों को बनाए रखने की हमारी क्षमता में है, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों।

2 thoughts on “Maryada Purushottam Meaning | मर्यादा पुरुषोत्तम का अर्थ

  1. पिंगबैक: 456 Meaning in Chat

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *