मेडिटेशन, विपश्यना & ध्यान करने के नुकसान जानिए

विपश्यना ध्यान का मतलब क्या होता है?

विपक्षना ध्यान की लोकप्रियता इतनी तेजी बढ़ी है की लाखों लोग इसे सीखने और अभ्यास करने में उत्सुक हुए है। लेकिन जितनी इसकी लोकप्रियता है उतनी ही इसकी प्रासंगिकता कम हुई है।

मतलब जितनी प्रभावकारी विपश्यना, ध्यान विधि बुद्ध के समय थी, उतनी आज नहीं है।

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मेडिटेशन के नुकसान

आइए देखते है, Meditation के Side effects में क्या क्या होते है। ध्यान करने के नुकसान और यह हर किसी के लिए उपयुक्त क्यों नहीं हो सकता है, इसके बारे में जानें।

सबसे पहला side effect है सिरदर्द, अगर आप जबरदस्ती meditation करने की कोशिश कर रहे हैं तो आपका सर दर्द होना शुरू हो जाएगा, और कुछ ही दिनों में आपका दिमाग अगर जबरदस्ती Meditation करते रहे तो आपके दिमाग में ऐसे भ्रम ऐसी आवाज या ऐसी दिखाई देना शुरू हो जाएँगी जो प्राकृतिक नहीं है। अगर आप जबरदस्ती meditation कर रहे हैं तो कृपया इसे रोक दें।

Meditation Disadvantages
Meditation Disadvantages

दूसरा side effect है ज्यादा अहंकार: हम लोगों में से कुछ लोग ऐसे है जो अपनी जिंदगी में जो भी work कर पाते है तो ठीक है, नहीं तो उसके बाद घुस जाते है meditation के बिजनेस में और चाहे meditation कर पाए चाहे ना कर पाए जबरदस्ती करते रहते है और उसकी वजह से अंदर में एक खास होने का एहसास रहता है।

विपश्यना के नुकसान के बारे में जानें, जैसे शारीरिक असुविधा और भावनात्मक दबाव, विशेष रूप से शुरुआती लोगों के लिए।

इतनी आसानी से नहीं पता चलेगा, जब आप किसी से बात कर रहे हैं किसी औरत से किसी बिजनेसमैन से किसी ऐसे आदमी से जिसको आप समझते है की वो आपके level से नीचा है, किसी भी वजह से, अगर ऐसा है तो आपके अंदर में अति घिनौना मतलब बहुत अहंकार हो रहा है, ये भी होता है जबरदस्ती के meditation करने से।

Meditation का शरीर पर होने वाले प्रभाव जानें, जिसमें तनाव में कमी, बेहतर नींद और समग्र स्वास्थ्य में वृद्धि शामिल है।

तीसरा है बेइज्जती: आखिर ऐसी कोई भी meditation क्यों करेंगे जो हमसे नहीं हो रही है इसका ना महसूस हो रहा है और ना ही तो उससे हमारी life आसान हो रही है, केवल किसी लालच से और वो भी तो आप करते रहेंगे क्योंकि बहुत से लोग कर रहे है।

यह ऐसा है जैसे कि कोई मशहूर खिलाड़ी किसी खास ब्रांड के जूते पहनता है और आपको लगता है कि वही जूते पहनने से आप भी उतने ही तेज बन जाएंगे। उस एथलीट ने उन जूतों को किसी sponsorship deal या व्यक्तिगत पसंद के कारण चुना था, न कि इसलिए कि वे सफलता की गारंटी देते हैं।

अगर आप अपनी क्षमताओं पर ध्यान दिए बिना उनकी हूबहू शैली की नकल करने की कोशिश करेंगे, तो लोग आप पर हंस सकते हैं। अपने खेल को बेहतर बनाने के बजाय, आप उनकी सफलता के पीछे के वास्तविक प्रयास को समझे बिना सिर्फ़ नकल करेंगे।

Meditation बहुत ही खूबसूरत है, बहुत ही free करने वाली है। वो तो कभी अनुभव होगा नहीं क्योंकि आपने नकली meditation करने की शुरुवात कर दी है।

Meditation नहीं किया जाता अगर आप वो जबरदस्ती का meditation करते रहेंगे तो आप जिंदगी भर तरसते रहेंगे उस के लिए जो गौतम बुद्ध या जो प्रबुद्ध गुरु अपनी जिंदगी में महसूस कर रहे थे, और इस तरस में आपकी जीवन और निराशा से भर जाएगी तो उस स्थिति में किया क्या जाए आप ये पूछिए meditation से पहले की अवस्था में क्या किया जाता है ताकि meditation मुझे संभव हो सके।

सही तरीके से Meditate कैसे करें

अपने आपको जानने की कोशिश करिए। जैसे विज्ञान होता है, जैसे अंक शास्त्र होता है ऐसे ही बहुत व्यवस्थित तरीका है, अपने दिमाग को समझने के लिए और ये आसान नहीं है।

सबसे बड़ी भूल हम लोग करते है meditation को बहुत सरल मान लेते है। ये आपके लिए अभी सरल नहीं है, तो आप पहले अपने दिमाग को पढ़ने का कोई सिस्टम का पालन करें और उसी के लिए आपको चाहिए होगा सही एकाग्रता या सही जागरूकता।

तो सबसे पहले आप अपनी ज़िंदगी में जो जो उथल पुथल है, उनको पहचानना शुरू करिए और उनको निकालना शुरू करिए ये संभव है लेकिन अपने आप नहीं होती है।

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अगर ये आप भी कर पाए अगर अपने दिमाग को भी निरीक्षण कर पाए कुछ समय तक के लिए साल दो साल तीन साल तक के लिए तो आप देखेंगे आपको कभी कभार meditation हो जाएगा और उसके बाद आपको एहसास भी नहीं होगा की आपने कुछ खास किया बस आप free महसूस करेंगे। आप विपक्षना सीखने के लिए Best Vipassana Centre in India मैं जा सकते हैं।

ध्यान करते समय हमें क्या सोचना चाहिए?

ध्यान करते समय, अपने मन को साफ़ करने और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें। यदि विचार आते हैं, तो उन्हें बिना अटके धीरे से जाने दें। आप शांति या किसी सुखद memory के बारे में सोच सकते हैं। कुछ लोग मंत्र दोहराते हैं या “शांत” या “आनंद” जैसे सकारात्मक शब्द पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

यदि आप आराम महसूस करना चाहते हैं, तो beach या बगीचे जैसी किसी सुंदर जगह की कल्पना करें। आप अपने दिल की धड़कन या अपने अंदर की ऊर्जा पर भी ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

ध्यान वर्तमान में रहने और शांतिपूर्ण महसूस करने के बारे में है, इसलिए विचारों के बारे में चिंता न करें – बस उन्हें स्वाभाविक रूप से बहने दें!

कुछ लोगों को ध्यान के दौरान असुविधा क्यों होती है?

कुछ लोगों को ध्यान के दौरान असुविधा महसूस होती है क्योंकि उनका शरीर लंबे समय तक स्थिर बैठने का आदी नहीं होता है। उन्हें अकड़न, बेचैनी या हल्का दर्द भी महसूस हो सकता है।

मन भी बहुत सक्रिय हो सकता है, जिससे चिंताएं, यादें या तीव्र भावनाएं आ सकती हैं। कुछ लोगों को नींद आती है, जबकि अन्य लोग चिंतित महसूस करते हैं क्योंकि उन्हें मौन रहने की आदत नहीं है।

ध्यान करने के लिए practice की आवश्यकता होती है, और शुरू में असुविधा होना सामान्य है। मुख्य बात यह है कि गहरी सांस लें, आराम करें और किसी भी चीज़ पर ज़ोर न डालें। समय के साथ, शरीर और मन adjust हो जाएगा, जिससे ध्यान एक शांतिपूर्ण और ताज़ा अनुभव बन जाएगा।

क्या relaxation के लिए ध्यान के अलावा कोई बेहतर विकल्प है?

हां, relaxation के लिए ध्यान के कई विकल्प हैं। गहरी सांस लेने से मन को जल्दी शांत करने में मदद मिलती है। संगीत सुनने से तनाव कम होता है और मूड अच्छा होता है। प्रकृति में घूमना मन और शरीर को तरोताजा करता है। किताब पढ़ने से चिंताओं से मुक्ति मिलती है। पेंटिंग या ड्राइंग भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करती है।

योग या स्ट्रेचिंग से मांसपेशियों को आराम मिलता है और ध्यान केंद्रित करने में सुधार होता है। हर्बल चाय पीने से शांति मिलती है। जर्नलिंग से विचार साफ होते हैं और तनाव कम होता है।

परिवार के साथ समय बिताना खुशी देता है। गर्म पानी से नहाने से तनाव कम होता है। ये सरल गतिविधियाँ आपको आराम और शांति महसूस कराने में ध्यान की तरह ही प्रभावी हो सकती हैं।

अंत में

Meditation जबरदस्ती करने वालों के जो side effects होते हैं उसकी अनगिनत समस्याएं हो सकती है पागलपन हो सकता है, सनकीपन हो सकता है घरवाले आपको नकारा समझेंगे आप ज़िंदगी में असफल होते जाएँगे क्योंकि जब आप अपने काम पे केंद्रित नहीं कर पाएँगे, आप जबरदस्ती का meditation कर रहे हैं तो ना घर के रह जाएँगे ना घाट के रह जाएँगे। 

इसलिए मैं आपसे कहता हूँ जो भी काम कर रहे हैं उसको करते करते अपने दिमाग को पढ़िए और खास तौर से अपने काम को खोजिए, आप क्या कर रहे हैं और उसको और अच्छे से और गहराई से करिए अपने आसपास के लोगों के साथ मिलिए, अपनी पत्नी के साथ, अपने बच्चे के साथ, अपने मालिक के साथ, अपने जूनियर के साथ और आप देखेंगे उसी में से ही आप अपने दिमाग की उलझनों को भंग कर पाएँगे।